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Showing posts from January, 2021

Paper Code 108) D.Ed (VI, HI, MR) (Common Paper) Unit 1.5 Prevocational education व्यवसाय पूर्व शिक्षा

  1.5. Prevocational education व्यवसाय पूर्व शिक्षा सफल जीवन जीने के लिए दृष्टिदोष वाले व्यक्ति को रोजगार दिलाना आवश्यक है | रोजगार प्राप्त होने से व्यक्ति का आत्म सम्मान बढ़ता है और उसमें सुरक्षा की भावना आती है | इसके लिए विश्व भर में जागरूकता बढ़ रही है कि विकलांग व्यक्तियों को सही प्रकार की शिक्षा प्रदान की जाए , क्योंकि दृष्टिदोष वाले व्यक्ति के जीवन का स्तर तभी सुधारा जा सकता है , जब उन्हें रोजगार प्राप्त हो सके | इसके लिए दृष्टिदोष वाले बच्चों की प्राथमिक शिक्षा की पाठचर्या में व्यवसाय पूर्व कौश लों को बढ़ाने पर जोर दिया जाना चाहिए और पाठचर्या में व्यवसायिक शिक्षा को भी उचित स्थान लेना चाहिए| अतः व्यवसाय पूर्व शिक्षा के लिए शिक्षा के ऐसे मॉडलों को अपनाना चाहिए, जो दृष्टिदोष वाले बालकों को विद्यालयी स्तर से ही व्यवसायिक शिक्षा प्रदान कर सके| ऐसे ही एक अन्य मॉडल है—‘मुक्त शिक्षा प्रणाली’ यह प्रणाली शिक्षार्थी को अपनी क्षमताओं के अनुसार अपने स्थान, अपनी गति और अपने समय पर अध्ययन की सुविधा प्रदान करती है| दूसरे शब्दों में ‘मुक्त शिक्षा प्रणाली’ औपचारिक शिक्षा प्रणाली...

Paper Code 108) D.Ed (VI, HI, MR) (Common Paper) Unit 1.4 Gender-equity (women’s education) with particular reference to special education लिंग समानता (नारी शिक्षा) विशेष शिक्षा के संदर्भ में

  1.4            Gender-equity (women’s education) with particular reference to special education                          लिंग समानता ( नारी शिक्षा ) विशेष शिक्षा के संदर्भ में      समाज में समानता एक ऐसी अवधारणा है या विकलांगता को लेकर एक ऐसी सोच है कि “विकलांगता एक अभिशाप है|” हमारे समाज में व्यापक असंतुलन, पिछड़ापन व अन्य कमजोरियों के पीछे लिंग भेद के एक प्रमुख कारण हैं| चाहे वह सामान्य वर्ग में हो अथवा विकलांगों में| लिंग भेद की अवधारणा सामाजिकता में भेदभाव को उजागर करती है| जिसके कारण महिलाएं शिक्षा एवं सुविधाओं से वंचित रहते हैं| पी.डब्ल्यू.डी एक्ट 1995 में पारित अधिनियम में यह उद्देश्य निर्धारित किया गया है कि देश के किसी भी विकलांग नागरिक स्त्री एवं पुरुष को संपूर्ण जीवन जीने और अपनी क्षमताओं के अनुसार संपूर्ण योगदान देने से नहीं रोक सकती है| यह सत्य है कि कोई भी समाज लड़कियों एवं स्त्रियों के बिना प्रगगि नहीं कर सकता ...