1.4 Challenges of teaching visually impaired children with additional disabilities D.Ed. 3rd semester
1.4 Challenges of teaching visually impaired children with additional disabilities
1.4 दृष्टी बाधा के साथ अतिरिक्त विकलांगता वाले बालको की शिक्षण की चुनौतियाँ
1. सम्प्रेषण की समस्याये:--
बधिरान्ध
बालको के समक्ष सम्प्रेषण की समस्या सबसे गंभीर होती है ये स्वयं को बोलकर अभिव्यक्त
नहीं कर पाते साथ ही सुन और देख भी नहीं पाते अतः दूसरे बालको के साथ इनकी अन्तः
क्रियाये शामिल होती है|
2. कक्षा गतिविधियों में सीमित सहभागिता:--
बहुविकलांग
होने के कारण कई बार ये बालक कक्षा में होने वाली अनेक पाठ्य सहगामी क्रियाओ में
भाग नहीं ले सकते इन्हें उन क्रियाओ में शामिल करना शिक्षक के लिए चुनौती पूर्ण
होता है|
3. समायोजन की समस्या:--
दृष्टि
बाधा के साथ अन्य विकलांगताओं के कारण बालको की सामाजिक क्रियाएं भी अत्यन्त रहती
है अतः ये किसी भी सामाजिक समूह में भली-भांति समायोजित नहीं हो पाते|
4. सीखने की धीमी गति:--
किसी एक अथवा कई संवेदी अंगो में दोष के कारण ये किसी भी वस्तु का सम्पूर्ण प्रत्यय नहीं सीख पाते अतः इनका सीखना अधूरा तथा सीखने की गति
धीमी होती है|
5. आवागमन की समस्या:--
शारीरिक
रूप से विकलांग बालको को विशेषकर दृष्टि बाधित एवं अस्थि विकलांगो के लिए एक स्थान
से दूसरे स्थान तक जाना अत्यन्त चुनौती पूर्ण कार्य है इस बाधा के कारण इनके
अनुभवों की संख्या भी कम होती है|
6. मनोवैज्ञानिक समस्याये:--
अपनी
अक्षमताओ के कारण इस बालको में प्रायः हीनभावना,अत्यधिक चिड़चिड़ापन दिखाई देता है
इसे दूर कर उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ना चुनौती है|
शारीरिक
रूप से अक्षम, दृष्टि बाधित बालको को सामान्य बालको की ही तरह शिक्षा का अधिकार
उसकी समस्याओ को कम करने के लिए विशेष शिक्षण विधियों, प्रशिक्षित अध्यापक, समेकित
शिक्षा योजनाओ की सहायता ली जा सकती है|
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