1.1 Concept and definition of multiply disabled child
1.1.
बहुविकलांग बालक: अवधारण एवं परिभाषा
बहुविकलांगता का अर्थ
बहु
विकलांगता का तात्पर्य दो या दो से अधिक विकलांगता का होना है| बहुविकलांगता न तो अनुवांशिक है और न ही संक्रमण है जिस प्रकार अन्य विकलांगताए जन्म जात, जन्म के समय तथा जन्म के बाद होती है उसी प्रकार बहुविकलांगता
भी होती है कभी कभी मानसिक मंद बालक 15-20 वर्ष को अवधि में अल्प दृष्टि बाधित हो जाता है इस स्थिति में उन्हें मानसिक विकलांग न कहकर बहुविकलांग की संज्ञा दी जाती है इसी प्रकार दृष्टि बाधित व्यक्ति चोट के कारण यदि कोई अंग प्रभावित हो जाता है तो उसे भी बहुविकलांग कहते है| श्रवण अक्षमता के साथ दृष्टी बाधित अथवा चोट के कारण शारीरिक विकलांग भी बहुविकलांग कहलाता है|
कुछ बालक जन्म से ही कुछ शारीरिक दोष लेकर उत्पन्न होते है जब कि कुछ अन्य का दुर्घटना, चोट या बीमारी के कारण से क्षतिग्रस्त
हो जाता है ऐसे बालकों को विकलांग बालक कहा जाता है| इन बालकों में दोष अथवा क्षति इतनी अधिक होती है कि सभी अथवा किसी कार्य विशेष को सामान्य ढंग से नहीं कर पाते हैं|
बहु विकलांगता की परिभाषा
राष्ट्रीय न्यास अधिनियम (1999)
“एक से अधिक विकलांगता वाले व्यक्तियों को बहुविकलांगता वाले व्यक्ति कहा जाता है| उदहारण के लिए--मानसिक मन्दता के साथ श्रवण विकलांगता, मानसिक मन्दता के साथ दृष्टि विकलांगता, बधिरान्धता आदि|
फेडरल के अनुसार (विकलांग जन शिक्षा अधिनियम 1990) के अनुसार
“कुछ ऐसी क्षतियाँ जैसे मानसिक मन्दता, चक्षु हीनता, आर्थोपैडिक क्षति इत्यादि के शरीर में एक साथ मौजूद होना ‘किन्ही दो या दो से अधिक’ बहुविकलांगता में सम्मिलित किया जाता है|”
बहुविकलांगता के कारण
वह बालक जो बहु विकलांगता की स्थिति से ग्रस्त होता है, अपनी अतिरिक्त क्षमता के कारण तनाव में रहता है जिसके कारण उसकी कार्यात्मक कुशलता घटती जाती है, और उसके दैनिक जीवन, पर्यावरण व समाज के साथ सभी क्रिया कलाप सीमित हो जाते हैं।
उदाहरण--श्रवण अक्षमता वाला बालक अपने दैनिक जीवन और समाजीकरण व संचार के क्रिया-कलापों को करने के लिए अपने दृष्टिबोध निर्भर रहता है लेकिन यदि कोई व्यक्ति श्रवणबाधित होने के साथ-साथ दृष्टिबाधित भी हो तो वह श्रवण एवं दृष्टि संवेदन प्रेरणा से वंचित रह जाएगा।
1. जन्म से पूर्व
2.
जन्म के समय
3.
जन्म के बाद
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