Paper Code 109) U. 3.4 Autism: concept, educational implications and teaching strategies
स्वलीनता:
अवधारणा, शैक्षिणक समस्याएँ तथा शैक्षणिक रणनीतियाँ
Autism
स्वलीनता
स्वलीनता व्यापक
विकासात्मक विकृति के अन्तर्गत आने वाली विकृति है| इससे पीड़ित बालक में दूसरों से
समबन्ध स्थापित करने की अंतःक्रिया में कमी देखी जाती है साथ ही भाषा कौशल में कमी
सीमित एवं पुनरावृत्ति जैसे व्यवहार के लक्षण प्रदर्शित होते हैं|
Autism स्वलीनता
शब्द ग्रीक भाषा के Autus शब्द से बना है जिसका अर्थ है ‘स्व’ Autism शब्द का
सर्वप्रथम प्रयोग Ugane Bluelar ने किया था| प्रारम्भ में इसे मानसिक मन्दता की
श्रेणी में ही रखा गया था किन्तु सन 1980 ई. से स्वतन्त्र विकृति का दर्जा प्रदान
किया गया|
दूसरे शब्दों दृष्टिबाधित
बच्चों में स्वलीनता के प्रभाव देखे जाते है| विकास के कुछ क्षेत्रों में स्वलीनता
से प्रभावित शिशु जन्म से ही कुछ अलग होते है जो आगे चलकर स्पष्ट हो जाते है|
सामाजिक व्यवहार, सम्प्रेषण तथा काल्पनिक शक्ति इन तीनों क्षेत्रों में इनके
व्यवहार दूसरों से अलग होते हैं|
परिभाषा
स्वलीनता
एक विकासात्मक विकलांगता है जो मुख्य रूप से शाब्दिक, अशाब्दिक सम्प्रेषण एवं
सामाजिक अंतःक्रिया को प्रभावित करता है| सामान्य रूप से यह घटना 3 वर्ष पूर्व
होती है| जो बच्चे के शैक्षणिक निस्पादन को प्रभावित करती है|
स्वलीनता के
लक्षण
स्वलीनता के
लक्षण निम्नलिखित प्रकार से प्रदर्शित होते हैं—
1. विलम्बित मुस्कान अथवा मुस्कान का अभाव|
2. माता-पिता तथा परिवार के अन्य सदस्यों के
साथ लगाव न होना|
3. आँखों से सम्पर्क न बना पाना|
4. अकेले रहना पसन्द करना|
5. गले लगाना, छाती से लगाना आदि पसन्द नहीं
करते हैं|
6. शरीर को लगातार एक ही तरफ चलाना| आगे पीछे,
हिलना-डुलना आदि|
7. किसी वस्तु को लेकर लगातार एक ही क्रिया
करना|
8. अपने वातावरण में परिवर्तन होने से अत्यधिक
परेशानी महसूस करना|
9. अमौखिक सम्प्रेषण की कमी (सोच न पाना)|
10. दूसरों के द्वारा किए गए इशारों को न समझ
पाना|
11. दूसरों के द्वारा किए गए चेहरे की
अभिव्यक्ति का अनुकरण न करना|
12. दूसरे शिशु के साथ ताल-मेल न बना पाना|
दृष्टिबाधित
एवं स्वलीन बच्चों में विकास के तीन क्षेत्रों में पिछड़ापन होता है जैसे—सामाजिक
अंतःक्रिया, भाषा तथा सम्प्रेषण| दृष्टिबाधित तथा स्वलीन बच्चों में कई समस्याएँ
होती हैं—
1. सृजनात्मक क्रियाओं का अभाव|
2. खेल में जुड़े रहने की दक्षता में कमी|
3. अत्यधिक मात्रा में बार-बार एक शब्द को
बोलना|
4. पूर्व अनुमान लगाने के लिए सहायता की
आवश्यकता होना|
5. व्यवहार से सम्बन्धित सामाजिक नियमों को
समझने में समस्या|
6. सामान्यीकरण करने में कठिनाई|
7. आस-पास के वातावरण के प्रति उदासीनता|
8. पुनरावृत्ति मूलन व्यवहार|
Educational Implication of
Autism +VI
दृष्टिबाधित
स्वलीन बच्चों के लिए प्रशिक्षण विधियाँ
दृष्टि
का अभाव सामाजिक दक्षताएं प्रभावित होती हैं| दूसरी तरफ स्वलीनता से प्रभावित
बच्चेओं में भी सामाजिक व्यवहार और सामाजिक नियम हम अनुकरण द्वारा सीख लेते हैं वे
एक स्वलीन बच्चे को सिखाने पड़ सकते है| अतः दृष्टिबाधित बच्चे स्वलीन न भी हो तो
भी उन्हें सामाजिक कौशल प्रशिक्षण अवश्य दिये जाने चाहिए|
1. दृष्टिबाधित स्वलीन बच्चों को मौखिक रूप से समझाना होगा तथा साथ-साथ
शारीरिक संकेतों का प्रयोग करना|
2. कल्पना शक्ति सीमित होने के कारण वे लोग
खिलौनों से अटपटे ढंग से खेलते है अतः ऐसे व्यवहारों में परिवर्तन लाना|
3. स्वलीन व्यक्तियों को मित्रता का प्रत्यय
समझनें में कठिनाई होती है|अतः उसे मित्रता का प्रत्यय समझाने के लिए प्रशिक्षण
देना|
4. इन बच्चों के साथ कार्य करते समय सकारात्मक
भाषा का प्रयोग करना चाहिए|
उदाहरण
कुर्सी
पर बैठे रहो’ ऐसा न बोले ‘कुर्सी से मत उठो’ ऐसे शब्दों का प्रयोग करना चाहिए|
5. छोटे-छोटे वाक्यों का प्रयोग करें|
दृष्टिबाधित
स्वलीन बच्चों में पायी जाने वाली समाजीकरण सम्बन्धी आम कठिनाईयाँ
1. सीमित और विसामान्य सम्बन्ध|
2. सीमित, काल्पनिक एवं एक ही प्रकार के खेल|
3. मित्रता समझाने में कठिनाई|
4. अपने अनुभव दूसरों के साथ बांटने में
समस्या|
5. भाषा तथा सम्प्रेषण कौशल से सम्बन्धित समस्यायें|
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