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Taylor Frame टेलर फ्रेम




Taylor Frame टेलर फ्रेम
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अठारहवीं शताब्दी के पुर्वार्द्ध में कैंम्ब्रिज के गणित के प्रोफेसर निकोलस सांडरसन ने सराहनीय प्रयास किया। उन्होंने एक ऐसी पाटी की रचना की, जिसके माध्यम से गणितीय संक्रियाओं को हल किया जा सकता था। सांडरसन की पाटी में कई सामान आकार के अष्टकोणीय छिद्र थे। इस आविष्कार के पश्चात एक अत्यंत उत्कृष्ट कार्य विलियम टेलर ने किया विलियम टेलर ने इस प्रयास को आगे बढ़ाते हुए उसमें संशोधन करके एक ऐसी गणितीय पाटी का निर्माण किया, जिसमें समान आकार के अष्टकोणीय छिद्र थे तथा आज इसे टेलर प्रेम के नाम से जाना जाता है।

टेलर फ्रेम गणितीय समस्याओं को हल करने का उपकरण है, जो आयताकार या चौकोर होता है। इस उपकरण पर गणित की संख्याओं को लिखा जा सकता है अर्थात इसकी मदद से अंकगणित तथा बीजगणित में प्रयुक्त होने वाली संख्याएँ तथा चिन्हों को प्रदर्शित किया जा सकता है। इस उपकरण में लकड़ी का एक फ्रेम होता है जिसके अंदर एल्यूमीनियम की एक मोटी चादर लगी होती है। इस चादर में सामान दूरी पर अष्टकोणीय छिद्र बने होते हैं। इस छिद्र युक्त चादर को दायी या बायी ओर एक बॉक्स बना होता है। इन छिद्रों में एक विशेष प्रकार के टाइप्स लगाये जाते हैं। इन टाइप्स को अष्टकोणीय छिद्रों में अलग-अलग स्थिती में बैठाया जाता है। प्रत्येक की स्थिति अलग-अलग अंक अथवा चिन्ह को प्रदर्शित करती है। प्रयोग में न आने वाले टाइप्स को बॉक्स में रख दिया जाता है। ये टाइप्स दो प्रकार के होते हैं। 1 अंकगणितीय अथवा टाइप-अ तथा 2 बीजगणित टाइप-ब प्रत्येक प्रकार के टाइप को दोनों तरफ से प्रयोग किया जा सकता है।

ये टाइप सीसे (रांगे) के बने होते हैं जो कि एक जहरीला तथा हानिकारक पदार्थ है। अतः टेलर फ्रेम के प्रयोग के बाद यह सलाह दी जाती है कि प्रयोगकर्ता अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह धो लें।

प्रत्येक प्रकार के टाइप के एक तरफ आठ प्रकार की स्थितियां बनी होती है (अष्टकोणीय छिद्र के कारण) इस प्रकार प्रत्येक प्रकार के टाइम से 16 संख्याएँ या चिन्हों को प्रदर्शित किया जा सकता है। अंकगणित वाले टाइप अर्थात टाइप- 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 0, +, ‌-, x, / (भाग) प्रदर्शित किए जा सकते हैं। बीजगणित वाले टाइप अर्थात टाइप- से अ, , , , (A, B, C, D, X, Y, X, Z, ½, (,) {,}) आदि चिन्ह प्रदर्शित किया जा सकता है।

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