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Model PAPER 109. (1): Education of Visually Impaired Children with Additional Disabilities

D.Ed Special Education (Visual Impairment ) PAPER 109: Education of Visually Impaired Children with Additional Disabilities                                  Model Paper:  1 Paper Code: D.Ed. (V.I.)-109 Max. Marks: 45                                                                                 Time: 2.30 Hours खण्ड 1 इस खण्ड में दिये हुए सभी पांच प्रश्न हल कीजिये| प्रत्येक प्रश्न के लिये एक अंक निर्धारित हैं|    1*5= 5 1. ADHD का विस्तार रूप लिखिए..............................| 2. CBR का विस्तार रूप लिखिए..............................| 3. TLM का विस्तार रूप लिखिए..............................| 4. NIVH का नया नाम क्या है? 5. NIMH की स्थापना …….. सन में हुआ। खण्ड 2 इस खण्ड में दिये हुए स...
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Errors of refraction and muscle imbalance प्रत्यावर्ती त्रुटियां (अपवर्तन और मांसपेशी असंतुलन की त्रुटियां)

  102 1.4 Errors of refraction and muscle imbalance प्रत्यावर्ती त्रुटियां ( अपवर्तन और मांसपेशी असंतुलन की त्रुटियां ) इसमें आँखों की प्रकाश किरणों को रेटिना पर फोकस करने की क्षमता प्रभावित हो जाती है | यह दृष्टिबाधा का प्रमुख कारण है जीवन में कई बार हर चीजें सामान्य नहीं होती। यदि आंख की बनावट में कोई कमी रह जाए तो दृष्टि में भी कई विकार आ जाते हैं , बनावट की कमियां इस प्रकार से भी हो सकती है-- 1. आंख के गोले की लंबाई बेहतरी (गहराई भीतरी) 2. स्वच्छ मण्डल या लेंस की वक्रता 3. आंख के किसी भाग का असामान्य होना या लेंस के स्थान का आगे-पीछे होना। इनमें से कोई भी कमी हो तो दृष्टि असामान्य हो जाती है या तो पास की या दूर की या फिर पास और दूर दोनों की नजर कमजोर हो जाती है। उम्र का भी दृष्टि पर प्रभाव पड़ता है। जन्म के समय आंख की लंबाई कम होती है और आंख का पर्दा पूरी तरह विकसित नहीं होता , फिर जैसे-जैसे हम बढ़ते हैं वैसे-वैसे उसकी लम्बाई बढ़ती जाती है और चार पांच वर्ष की उम्र तक लगभग 78% तक वृद्धि हो जाती है और इस आयु तक दृष्टि लगभग सामान्य हो जाती है यहाँ पर कुछ प्रत्याव...

Causes and prevention of disability विकलांगता के कारण एवं बचाव

101 1.5 Causes and prevention of disability विकलांगता के कारण एवं बचाव हमें समाज में अनेक प्रकार की विक्लांगताएँ देखने को मिलती है। जो विभिन्न कारणों से होती है। सामान्यत: इन कारणों को जन्म से पूर्व के कारण , जन्म के समय तथा जन्म के बाद के कारण की परिस्थितियों से संबंधित करते हैं। विकलांगता का उचित उपचार एवम्‌ उसकी गंभीरता को कम करने के लिए यह आवश्यक है कि उसके सही कारण को समझा जाए। इसके तीन कारण हैं-- 1. जन्म से पूर्व 2. जन्म के समय 3. जन्म के बाद जन्म से पूर्व 1. माँ के मधुमेह रोग हो जाना। 2. थायराइड में वृद्धि हो जाना। (थायरॉक्सिन हार्मोन) 3. हाइपोटेंशन या फेफड़ों से संबंधित बीमारियां हो जाना। 4. माँ को टाइफाइड , खसरा , चेचक , कुबैला का हो जाना। 5. गर्भावस्था में कुपोषण होना। 6. गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक दवाइयों का सेवन करनेस से। 7 गर्भवती माँ का अत्यंत तनावग्रस्त होना तथा दुर्घटना का शिकार होना। 8. अनुवांशिक विकृति होना। 9. गर्भावस्था के समय माता के द्वारा नशीले पदार्थ का सेवन करना जैसे—एल्कोहल , धूम्रपान का सेवन करने से। 10. एक्स-रे के विक...

101 UNIT 1.4 Prevalence and demographic profile व्यापकता और जनसांख्यिकी की स्थिती

  101 1.4 Prevalence and demographic profile व्यापकता और जनसांख्यिकी की स्थिती व्यापकता एक जनसंख्या समूह एक निश्चित समय में वे सभी मामलों को दर्शाता है। यह निश्चित समय में , एक वर्ष अर्थात 365 दिन का होता है। कुछ समय पहले तक यह माना जाता था कि विश्व में हर 10 व्यक्तियों में से एक व्यक्ति विकलांग है। किंतु वर्ष 2011 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विश्व विकलांगता प्रतिवेदन वर्ल्ड डिसेबिलिटी रिपोर्ट ( World Disability Report) जारी की जिसमें यह कहा गया कि जिसमें जनसंख्या का लगभग 15% भाग किसी न किसी विकलांगता से ग्रसित है। ऐसा अनुमान है कि जिसमें विकलांग व्यक्तियों की संख्या अब एक अरब से अधिक हो गई है। भारत में विकलांगता की व्यापकता की स्थिती भारत में विकलांगता संबंधी आंकड़े अधिकतर जनगणना प्राधिकरण एवम्‌ राष्ट्रीय सिंपल सर्वे संगठन ( NSSO) द्वारा एकत्र किए जाते हैं। ऐसा अनुमान है कि हमारे यहाँ विकलांगों की संख्या कुल जनसंख्या का लगभग 6-10 % तक है। किंतु ये आंकड़े बहुत ही विश्वसनीय एवम्‌ प्रमाणित आंकड़े नहीं है। वर्ष 2001 में जनगणना प्राधिकरण में देश में दृष्टि , वाक्य् और गति सं...